Connect with us

उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया ऐतिहासिक संबोधन

उत्तराखंड

उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया ऐतिहासिक संबोधन

उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विस्तृत और ऐतिहासिक संबोधन में राज्य की 25 वर्ष की विकास यात्रा, उपलब्धियों और आगामी संकल्पों का विस्तार से उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना कोई आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि यह वर्षों के लंबे संघर्ष, असीम त्याग और हजारों आंदोलनकारियों के बलिदान का परिणाम है। उन्होंने राज्य निर्माण में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी हुतात्माओं, आंदोलनकारियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों तथा जनप्रतिनिधियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तराखंड आज विभिन्न क्षेत्रों में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना और प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना वृद्धि हुई है। नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि किसानों की आय वृद्धि दर में भी राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान हासिल किया है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में इस बार दिवाली के समय भी वायु गुणवत्ता में रहा उल्लेखनीय सुधार, तकनीक और जनसहयोग से मिली सफलता

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्षों में 30 से अधिक नई नीतियाँ लागू की गई हैं जिनसे उद्योग, पर्यटन, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौते हुए, जिनमें से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव धरातल पर उतारे जा चुके हैं।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री ने सिंगटाली पुल के लिए 57 करोड़ रुपए की स्वीकृत दी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता (न्ब्ब्) कानून लागू कर समानता, न्याय और महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। साथ ही, राज्य में भू-कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून और नकल विरोधी कानून जैसे कड़े कदम उठाकर पारदर्शी व जवाबदेह शासन की मिसाल पेश की गई है।

उन्होंने बताया कि राज्य में 26 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी नौकरियों में अवसर दिए गए हैं, जबकि 1 लाख 65 हजार से अधिक महिलाएं “लखपति दीदी” बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के लिए आरक्षण, पेंशन और पहचान पत्र जैसी व्यवस्थाओं को सशक्त बनाया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  शुक्रवार को प्रभावित क्षेत्र में बिजली, पानी, संचार नेटवर्क बहाल

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड “विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री मोदी जी के “2047 तक विकसित राष्ट्र” के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश की सवा करोड़ जनता के सहयोग से उत्तराखंड आने वाले वर्षों में देश का श्रेष्ठ राज्य बनेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गीत की प्रेरक पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त की-
“पतवार चलाते जाएंगे, मंज़िल आएगी… आएगी।”

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top